जानिए क्या है Ovulation क्या है लक्षण और पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन शुरू होता है?

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प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के जीवन का एक खास एहसास है। अगर आप माँ बनने के बारे में सोच रही हैं, तो आपको पीरियड्स, ओवुलेशन और गर्भधारण से जुड़ी चीज़ों के बारे में जानकारी होना जरूरी है।ओवुलेशन के लक्षण में सेक्स की इच्छा बढ़ना, स्तनों में कोमलता और संवेदनशीलता, ऐंठन, सवाईकल से स्त्राव बढ़ना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना ये शामिल हैं।महिला के मासिक धर्म चक्र (Periods Cycle) के अनुसार हर महिला का ओवुलेशन काल अलग हो सकता है: को समझना बहुत जरूरी है। आसान शब्दों मे मासिक धर्म के दौरान महिला के अंडाशय में कई अंडे बनते हैं। उनमें से एक स्वस्थ अंडा अंडाशय से बाहर आता है, जिसे ओवुलेशन (Ovulation) कहा जाता है। ओवुलेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो गर्भधारण के लिए जरूरी है। ओवुलेशन मासिक धर्म की एक जरूरी प्रक्रिया है जो फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। जब एग अंडाशय से निकलकर फॉलोपियन ट्यूब में जाएगा, तभी शुक्राणु के साथ उसका मिलन हो पाएगा। इसीलिए, यदि कोई महिला गर्भधारण की कोशिश कर रही हो तो उसे ओवुलेशन के दौरान प्रयास करने के लिए कहा जाता है। इस समय प्रयास करने से कंसीव करने के चान्सेस कई गुना बढ़ जाते हैं।
ओवुलेशन प्रक्रिया को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है:
  1. फॉलिक्युलर फेज (Follicular Phase): इस फेज में अंडाशय में अंडे बनते हैं और परिपक्व होते हैं। यह फेज पिछले मासिक धर्म से शुरू होकर ओवुलेशन तक चलता है।
  2. ओवुलेटरी फेज (Ovulatory Phase): इस फेज में अंडा अंडाशय से निकलकर फॉलोपियन ट्यूब में जाता है। यह वह समय होता है जब अंडा और स्पर्म मिलकर गर्भधारण कर सकते हैं।
  3. ल्यूटल फेज (Lutal Phase): इस फेज में, अगर अंडा फर्टिलाइज हो जाता है, तो गर्भधारण होता है। अगर नहीं, तो मासिक धर्म शुरू होता है।

महिलाओं का मासिक धर्म चक्र आमतौर पर 28 दिन का होता है, लेकिन यह 21 से 35 दिन के बीच भी हो सकता है।

  • 28 दिन के मासिक धर्म चक्र में, ओवुलेशन आमतौर पर 14वें दिन होता है।

  • 35 दिन के मासिक धर्म चक्र में, ओवुलेशन 21वें दिन होता है।

  • 21 दिन के मासिक धर्म चक्र में, ओवुलेशन 7वें दिन होता है।

ओवुलेशन काल को कैसे पहचानें?

ओवुलेशन को पहचानने के लिए कई तरीके हैं:

  1. मासिक धर्म चक्र ट्रैक करें: मासिक धर्म चक्र के दिनों की संख्या से 14 घटाकर ओवुलेशन दिवस का पता लगाएं।

  2. ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट (OPK): यह किट मूत्र में एलएच हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाती है, जो ओवुलेशन से पहले बढ़ता है।

  3. बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT): रोज सुबह उठने के बाद शरीर का तापमान मापें। ओवुलेशन के समय तापमान में थोड़ी वृद्धि होती है।

ओवुलेशन के लक्षण

ओवुलेशन के दौरान कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं:

  • स्तनों में संवेदनशीलता

  • सेक्स की इच्छा बढ़ना

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द

  • योनि में सूजन

  • शरीर का तापमान बढ़ना

  • सर्विक्स का खुल जाना

  • सिर दर्द

इरेग्युलर पीरियड्स और इरेग्युलर ओवुलेशन

अगर आपके पीरियड्स अनियमित हैं, तो ओवुलेशन भी अनियमित हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर आमतौर पर जीवनशैली और खान-पान में बदलाव लाने का सुझाव देते हैं।

ओवुलेशन और गर्भधारण

अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं, तो ओवुलेशन का समय जानना बहुत महत्वपूर्ण है। ओवुलेशन के दौरान कोशिश करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण ओवुलेशन के बाद कुछ प्रेगनेंसी के लक्षण हो सकते हैं:
  • इम्पलांटेशन ब्लीडिंग
  • मॉर्निंग सिकनेस
  • जी मिचलाना
  • कब्ज
  • ब्रेस्ट में दर्द या सूजन
  • मूड स्विंग्स

ओवुलेशन कब होता है?

महिला के मासिक धर्म चक्र (Periods Cycle) के अनुसार हर महिला का ओवुलेशन काल अलग हो सकता है:

मासिक धर्म चक्र

ओवुलेशन दिन

सर्वोत्तम प्रजनन कालावधी

28 दिन का

14 वां दिन

12 वां, 13 वां और 14 वां

35 दिन का

21 वां दिन

19 वां, 20 वां और 21 वां

21 दिन का

7 वां दिन

5, 6 और 7 दिन

40 दिन का

26 वां दिन

24 वां, 25 वां और 26 वां

ओवुलेशन को ट्रैक करने के अन्य तरीके

  1. ओवुलेशन कैलेंडर: अपने मासिक धर्म की सबसे लंबी और सबसे छोटी अवधि को 6 महीने तक ट्रैक करें। सबसे लंबी अवधि में से 11 घटाएं और सबसे छोटी अवधि में से 18 घटाएं।
  2. अल्ट्रासाउंड स्कैन: इस तकनीक से ओवुलेशन के दौरान अंडाशय में अंडे की स्थिति और उसकी परिपक्वता देखी जाती है।

ओवुलेशन के दौरान क्या करें

अगर आप प्रेगनेंसी के लिए ट्राय कर रही हैं, तो ओवुलेशन के दौरान प्रयास करें। ओवुलेशन के समय अंडा फॉलोपियन ट्यूब में होता है, और यही समय गर्भधारण के लिए सबसे अच्छा होता है।

क्या ओवुलेशन के दौरान दर्द सामान्य है?

हाँ, ओवुलेशन के दौरान हल्का दर्द और असुविधा सामान्य है। इसे मित्तेल्स्चमेर्ज़ के नाम से भी जाना जाता है। यह दर्द अंडाशय से अंडा निकलने के कारण होता है।

अगर मैं ओवुलेट नहीं कर पा रही हूँ तो क्या होगा?

अधिकांश महिलाएं अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान कम से कम एक बार ओवुलेशन करती हैं। लेकिन अगर ओवुलेशन नहीं हो रहा है, तो इसे एनोव्यूलेशन कहा जाता है। इससे बांझपन भी हो सकता है।

ओवुलेशन की जांच कैसे होती है?

ओवुलेशन की जांच के कई तरीके हैं:

  1. बासल बॉडी टेम्परेचर (BBT): ओवुलेशन के समय शरीर का तापमान बढ़ जाता है।

  2. ओवुलेशन प्रेडिक्शन किट (OPK): यह किट मूत्र में एलएच हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाती है।

  3. अल्ट्रासाउंड स्कैन: ओवुलेशन के समय अंडाशय में अंडे की स्थिति और उसकी परिपक्वता की जांच होती है।

निष्कर्ष

ओवुलेशन के बारे में जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है, चाहे आप गर्भधारण की योजना बना रही हों या नहीं। ओवुलेशन का सही समय जानने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपके पीरियड्स अनियमित हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाएं। यदि आप गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रही हैं और ओवुलेशन से संबंधित समस्याएं हैं, तो आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मुंबई में यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर (Yashoda IVF and Fertility Centre) एक प्रतिष्ठित और भरोसेमंद केंद्र है, जो उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं प्रदान करता है। यहां अनुभवी डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम है, जो आपको व्यक्तिगत और समर्पित देखभाल प्रदान करती है। यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर में अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिससे गर्भधारण की सफलता दर बढ़ती है।